लाइफ में कुछ बनने के लिए हमें कई तरह की चुनौतियां, संघर्ष, उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता हैं जो सफलता की रहा को और अधिक मजबूत बनाते है। यह कहानी है महाराष्ट्र के नाशिक की रहने वाली कविता की। जब वह बहुत छोटी थी तब कविता के पिता के साथ एक दुर्घटना हुई जिसमे वह शारीरिक रूप से विकलांग हो गए थे। घर की सारी जिम्मेदारियां माँ पर आ गया और उन्होनें अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत की।
कविता और उसके परिवार के लिए खेती ही एकमात्र कमाई का जरिया था। माँ को दिन-रात कड़ी मेहनत करते हुए देख, कविता को महसूस होता था कि वह अपनी माँ की किसी भी तरह से मदद नहीं कर पा रही है। कविता अपने दो छोटे भाइयों को पढ़ाना चाहती थी लेकिन घर की आमदनी से तो परिवार की जरूरतों को पूरा करना ही बहुत मुश्लिक था। अपने भाईयों को बेहतर जिंदगी देने के लिए और अपनी माँ की जिम्मेदारियों को बांटने के लिए कविता ने एक बड़ा फैसला किया और सब्जियां बेचने का काम शुरू कर दिया।
अपने मजबूत हौसलों के साथ कविता ने 9 साल तक सब्जियां बेचने का काम किया ताकि अपने परिवार को एक बेहतर जिंदगी दे सके। कविता की माँ ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और जिंदगी के हर कदम पर उनका साथ दिया। अपनी माँ के इसी विश्वास के साथ, वह आगे बढ़ती रही और 9 साल तक कड़ी मेहनत करते हुए, कविता ने 10-15 रुपये करके अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ पैसे जमा किए।
हम सभी अपने सपनों को पूरा करने के लिए जीते हैं और अपने लक्ष्य को पाने की उम्मीद के साथ आगे बढ़ते रहते हैं। कविता की आंखों में भी बचपन से पुलिस अधिकारी बनने का सपना बसा हुआ था। वह अपने गाँव की महिलाओं के एक बेहतर जिंदगी देना चाहती थी लेकिन कविता का यह सपना उस दिन टुट गया जब वह पुलिस की परीक्षा में केवल एक नंबर से फेल हो गई। कविता का बचपन का सपना टुट गया था लेकिन उसका साहस तब भी कम नहीं हुआ। वह नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ती गई।
कविता के भाग्य ने उसके लिए कुछ और ही सोचा हुआ था। वह एसॉर्ट के साथ जुड़ गई और यह कविता के लिए एक नया अनुभव था। कविता ने देखा कि किस तरह एसॉर्ट कम्युनिटी मेंबर्स एक दूसरे को सपोर्ट करते है और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते है। उसके मन का सारा डर निकल गया और नए सपनों के साथ कविता एसॉर्ट के साथ जुड़ गई। अभी तो कविता की जर्नी की शुरूआत ही हुई है लेकिन बहुत से लोगों को कभी भी हार ना मानने के लिए प्रेरित करती है।
credit : blog.asort.com
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